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निर्भीक बेटी

: उषा जायसवाल

 

सूरज चाहिए प्रकाश के लिए

मुझे भी चिलचिलाती धूप चाहिए

 तपने के लिए

वर्षा चाहिए धरती को 

अंकुरित होने के लिए

 मुझे वर्षा चाहिए भीगकर स्निग्ध हो

 स्वच्छ होने के लिए

 कड़कती ठण्ड चाहिए

 मौसम परिवर्तन के लिए 

मुझे ठिठुरती ठंडक चाहिए

 आलस भगाने के लिए

 मैं जी जान से जुट सकूँ 

कर्म के लिए

 यही होगा मेरा वतन

 हर मौसम के स्वागत में 

रहूँ निर्भीक

क्योंकि मैं भारत माँ की

निर्भीक बेटी हूँ।